कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ
कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ की कंपनी ई-कॉमर्स कंपनी ह। जो किराये पर जेट और हेलीेककॉप्टर उपलब्ध करवाती हैं। कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ फ़ोर्ब्स मैगजीन की 30 अंडर 30 अचीवर्स की लिस्ट में शामिल हो चुकी हैं।
कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ का जन्म भोपाल में हुआ था । कनिका मैराथन रनर और पेंटर भी है।
कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ ने भोपाल के जवाहर लाल नेहरु स्कूल से 12वी कक्षा पास की। इस के बाद ग्रेजुएशन करने के बाद इंग्लैड से एमबीए की डिग्री ली ।
कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ ने महज 17 साल की उम्र में अपनी कंपनी बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी।
22 साल उम्र में पता चला की उन्हें केंसर है। लेकिन वह टूटी नही ही और इस से लड़ते रहे। और जेटसेटगो को सफल बनया और भारतीय क्रीकेटर युवराज सिंह भी कनिका की कंपनी जेटसेटगो में फंडिग कर चुके है।
कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ को डॉक्टर ओ ने साफ कह दिया था कि आप के पास टाइम नही है पर वो हारी नही वो अपने आत्म विश्वास पे रही और आज सफल है।
जेटसेटगो की सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कनिका टेकरीवाल ने कहा, “अपने-अपने क्षेत्र में देश की दो अग्रणी कंपनियों की साझेदारी से अच्छा और क्या हो सकता है। मुझे विश्वास है कि दोनों कंपनियां मिलकर परिवहन क्षेत्र में क्रांति ला देंगी।”
भारत के अतिरिक्त उन्होंने विदेशों में भी काम किया था और इस दौरान उन्होंने इस इंडस्ट्री के उतार-चढ़ाव को काफी करीब से महसूस किया था। इंडस्ट्री के बारे में उनकी जानकारी बहुत ही पुख्ता हो चुकी थी और जेट-सेट-गो इन्हीं अनुभवों का परिणाम था। जब ग्राहक, चार्टर ब्रोकर्स या ऑपरेटर्रस से डील किया करते थे तो उस दरमयान ग्राहकों को होने वाली समस्याओं से कनिका अच्छी तरह से वाक़िफ थीं। यदि किसी ग्राहक को प्राइवेट जेट का उपयोग करना होता है तो वह सामान्यतः ऑन लाइन वेबसाइट्स की मदद से या फिर किसी के माध्यम से ब्रोकर अथवा एयरक्रॉफ्ट ऑपरेटर से संपर्क करता है। ये ब्रोकर्स ग्राहक को महंगे जेट या हेलीकॉप्टर्स देते हैं जिनमें इनका कमीशन सबसे ज्यादा होता है । ग्राहक के लिए ये काफी महंगा सौदा पड़ता है । चूंकि इसके बारे में लोगों को कम जानकारी थी और अधिक संख्या में चार्टर प्लेन्स उपलब्ध नहीं थे इसलिए ग्राहकों के लिए ज्यादा पेमेंट करना उनकी मजबूरी हो जाती थी । इस असुविधा के कारण ग्राहक लगातार यह महसूस करते थे कि उन्हें एक प्रोफेश्नल व उनके बजट के अनुरूप चार्टर सर्विस मिलनी चाहिए जहां पर उन्हें उनकी पसंद के प्लेन मिले और साथ ही पेमेंट के मामले में एक पारदर्शिता भी रहे। भारत में अभी भी एविएशन के क्षेत्र में लोगों की जानकारी कम है और इसी कारण ग्राहकों को मजबूरी में ऐसे चार्टड प्लेन लेने पड़ते हैं जिसमें ब्रोकर्स की मनमानी चलती है।
कनिका टेकरीवाल की जेट-सेट-गो कंपनी ने ग्राहकों की इस समस्या को दूर करने का निश्चय किया। ग्राहकों को प्राइवेट जेट विमान काफी सस्ते में मुहैया कराना शुरू किया
कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ की कंपनी ई-कॉमर्स कंपनी ह। जो किराये पर जेट और हेलीेककॉप्टर उपलब्ध करवाती हैं। कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ फ़ोर्ब्स मैगजीन की 30 अंडर 30 अचीवर्स की लिस्ट में शामिल हो चुकी हैं।
कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ का जन्म भोपाल में हुआ था । कनिका मैराथन रनर और पेंटर भी है।
कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ ने भोपाल के जवाहर लाल नेहरु स्कूल से 12वी कक्षा पास की। इस के बाद ग्रेजुएशन करने के बाद इंग्लैड से एमबीए की डिग्री ली ।
कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ ने महज 17 साल की उम्र में अपनी कंपनी बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी।
22 साल उम्र में पता चला की उन्हें केंसर है। लेकिन वह टूटी नही ही और इस से लड़ते रहे। और जेटसेटगो को सफल बनया और भारतीय क्रीकेटर युवराज सिंह भी कनिका की कंपनी जेटसेटगो में फंडिग कर चुके है।
कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की सीईओ को डॉक्टर ओ ने साफ कह दिया था कि आप के पास टाइम नही है पर वो हारी नही वो अपने आत्म विश्वास पे रही और आज सफल है।
जेटसेटगो की सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कनिका टेकरीवाल ने कहा, “अपने-अपने क्षेत्र में देश की दो अग्रणी कंपनियों की साझेदारी से अच्छा और क्या हो सकता है। मुझे विश्वास है कि दोनों कंपनियां मिलकर परिवहन क्षेत्र में क्रांति ला देंगी।”
भारत के अतिरिक्त उन्होंने विदेशों में भी काम किया था और इस दौरान उन्होंने इस इंडस्ट्री के उतार-चढ़ाव को काफी करीब से महसूस किया था। इंडस्ट्री के बारे में उनकी जानकारी बहुत ही पुख्ता हो चुकी थी और जेट-सेट-गो इन्हीं अनुभवों का परिणाम था। जब ग्राहक, चार्टर ब्रोकर्स या ऑपरेटर्रस से डील किया करते थे तो उस दरमयान ग्राहकों को होने वाली समस्याओं से कनिका अच्छी तरह से वाक़िफ थीं। यदि किसी ग्राहक को प्राइवेट जेट का उपयोग करना होता है तो वह सामान्यतः ऑन लाइन वेबसाइट्स की मदद से या फिर किसी के माध्यम से ब्रोकर अथवा एयरक्रॉफ्ट ऑपरेटर से संपर्क करता है। ये ब्रोकर्स ग्राहक को महंगे जेट या हेलीकॉप्टर्स देते हैं जिनमें इनका कमीशन सबसे ज्यादा होता है । ग्राहक के लिए ये काफी महंगा सौदा पड़ता है । चूंकि इसके बारे में लोगों को कम जानकारी थी और अधिक संख्या में चार्टर प्लेन्स उपलब्ध नहीं थे इसलिए ग्राहकों के लिए ज्यादा पेमेंट करना उनकी मजबूरी हो जाती थी । इस असुविधा के कारण ग्राहक लगातार यह महसूस करते थे कि उन्हें एक प्रोफेश्नल व उनके बजट के अनुरूप चार्टर सर्विस मिलनी चाहिए जहां पर उन्हें उनकी पसंद के प्लेन मिले और साथ ही पेमेंट के मामले में एक पारदर्शिता भी रहे। भारत में अभी भी एविएशन के क्षेत्र में लोगों की जानकारी कम है और इसी कारण ग्राहकों को मजबूरी में ऐसे चार्टड प्लेन लेने पड़ते हैं जिसमें ब्रोकर्स की मनमानी चलती है।
कनिका टेकरीवाल की जेट-सेट-गो कंपनी ने ग्राहकों की इस समस्या को दूर करने का निश्चय किया। ग्राहकों को प्राइवेट जेट विमान काफी सस्ते में मुहैया कराना शुरू किया