फोन में से वायरस को कैसे हटाये
2017 का ऐसा हाल था जिसमें मालवेयर को आते हुए देखा गया इस साल वायरस बाय नेट की घटिया हरकत भी देखी गई मोबाइल मालवीय के लिए सिर्फ साइबर अपराधियों को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता बल्की उपकरण निर्माता भी यूजर की गोपनीयता उल्लंघन के मामले में संदेह के घेरे में है चीनी संस्थाओं द्वारा विकसित 40 से अधिक ऐप्स को ब्लैक लिस्ट में डाला है क्योंकि यह ऐप्स डिवाइस को हार्मफुल कर देती थी और डिवाइस की गोपनीयता की भी सुरक्षा नहीं कर सकती थी
डिवाइस निर्माताओं और ऐप डेवलपमेंट के लिए 2018 का साल फायदेमंद हो सकता है लेकिन यह गोपनीयता को लेकर काम करने वाले लोगों के संदेह के घेरे में भी आ सकते हैं और सरकार नागरिकों के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए मापदंड तैयार कर सकती है कुछ महीने पहले जी डी पी आर लागू होने के साथ 2018 के उत्तरार्ध में मोबाइल ऐप डेवलपमेंट द्वारा गोपनीयता उल्लंघन के कई मामले देखने को मिल सकते हैं
2017 में निकली है उसका सामना भी करना पड़ा है इस वजह से गूगल और एक जैसी कंपनियों को अपने खुद के ऐप्स स्टोर तैयार करने और उसकी निगरानी बनाने को मजबूर किया है 2018 में सीक्रेट नहीं हो सकती है और इनमें से कुछ घटनाओं को जेल ब्रेकिंग रूटिंग का उपयोग करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है लेकिन मालवीय बनाने वाले का मुख्य ध्यान नकली ऐप्स पर ही होगा
मोबाइल में वायरस आने का कारण
किसी गलत साइड या वायरस की साइड पे क्लिक करना
देखे दोस्तों क्या होता है कि हम कई ऐसी गलत साइट चलाते हैं जिन्हें साइटों ओपन करने पर वायरस अपने डिवाइस या मोबाइल में प्रवेश कर जाता है यह भी एक तरीका है जिसके जरिये वायरस आपके मोबाइल को संक्रमित कर सकता है।
ज्यादातर वेबसाइट में देखा जाता है कि किसी गाने मूवी गेम का लिंक दिया होता है फिर हम उस पर क्लिक कर देते हैं वह लिंक उस गाने या मूवी का न होकर कोई दूसरी साइड पर जाता है या कोई दूसरी चीज डाउनलोड हो जाती है तो इस तरीके से भी अपने फोन में वायरस आ जाता है
मोबाइल में वायरस आने का कारण यह है
कि अपन कहीं से भी कोई भी एप्लीकेशन बिना सोचे समझे कहीं भी इन्टॉल देते हैं अत डाउनलोड कर लेते हैं
मोबाइल प्लेटफार्म के लिए गूगल प्ले स्टोर है अतः हम play store से ना डाउनलोड करके कहीं ओर से कोई ऐप डाउनलोड कर लेते हैं तो मोबाइल में वायरस आने का खतरा बढ़ जाता है
UC Browser ओर 9Apps यह जो एप्लीकेशन है यह हम अपने मोबाइल में रखते हैं तो इन एप्लीकेशन के अंदर बोहोत सारे लिंक और ऐड होते हैं जो अपनी जान पैना 19 का उपयोग करते हैं और हम तो अगर हम यहाँ से कोई ऐप इंस्टाल करेंगे तो हमारे मोबाइल में वायरस आने के चांसेस काफी बढ़ जायेंगे। इसमें होता यह है की यहाँ पर वायरस कुछ ऐसी चीजों का ऐड बताते हैं जिन पर हम ना चाहते हुए भी अंगुली रख देते हैं और वह अपने मोबाइल में इंटर कर सकती है। अगर हमें अपने मोबाइल फ़ोन को वायरस या कोई और “malware” से दूर यानि सुरक्षित रखना है तो हमारे लिए यही बेहतर होगा की हम कोई भी थर्ड पार्टी ऐप इनस्टॉल न करे। और ऐप डाउनलोड करने से पहले उसे का रिव्यू जरूर पडले
नकली ऐप्स बनाने वाले को क्या फायदा होता है
देखिए आजकल कहां के ऐप्स देखने को मिलते हैं ये ऐप्स ऐसी कंपनियों द्वारा बनाए जाते हैं जो कि अपने डाटा चुराने में सक्षम है वह अपने डाटा चुरा कर किसी और वेबसाइट दो को भेज देती है कई ऐसी ऐप्स है जो कि हमारी गोपनीयता में सेंड लगाती है इसमें हमारे कई प्रकार के नुकसान है हमारी कई इंपोर्टेंस फोटोस डाक्यूमेंट्स कुछ भी चुरा कर यह किसी को भेजते रहते हैं
नकली ऐप के अलावा आजकल ऐसे मालवीय आ गए हैं जोकि अपने डिवाइस में आ जाते हैं वह डिवाइस का डाटा चुरा कर भेजते रहते हैं यह किसी एक जैसे नहीं होते यह किसी भी रुप में कोई भी फाइल हो सकती है यह मालवीय बहुत नुकसानदायक होते हैं यह हमारी डिवाइस को गर्म करने और डेटा छुड़ाने जैसी क्रिया करते रहते हैं
नकली ऐप है वह वायरस और मालवीय से नुकसान करता है
देखिए जो नकली एक और मालवीय होते हैं यह हमारी डिवाइस की गोपनीयता को चुराते हैं हमारी कई ऐसी इंपॉर्टेंट फाइलें चुरा लेते हैं हमारे कांटेक्ट चुरा लेते हैं हमारी लोकेशन ट्रैक करते हैं कई इंपॉर्टेंट फोटो चुराते हैं और दूसरी वेबसाइट को बेच देते हैं
मालवीय आ जाने से हमारे सिस्टम या डिवाइस में कई तरह की परेशानियां आने लग जाती है जैसा कि डिवाइस बार बार रीस्टार्ट हो जाना डिवाइस गर्म होना डिवाइस की बैटरी कम चलना डिवाइस की स्पीड स्लो ना और भी कई ऐसे प्रकार है जो मालवीय के कारण होते हैं
आजकल android फोन वायरस से जल्दी प्रभावित जाते हैं इसी वजह से स्लो हो जाते हैं और बैट्री बेकअप भी कम हो जाता है
उसके बाद आप Settings → Security → Device Administrators यहाँ पर आप को एडमिनिस्ट्रेटर स्टेटस के साथ ऐप्स दिखाई देंगे। तो जिस ऐप को आप को हटाना है वह राइट टिक में क्लिक(untick) करे जिससे आपको एक मैसेज दिखाई देगा जिसमे आपको उस ऐप को Deactivate करने के लिए पूछा जायेगा। वहाँ Deactivate में क्लिक करके आप उस ऐप को डिलीट कर सकते है।
मोबाइल में वायरस आने का कारण यह है
यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है हम किसी भी डिवाइस से कनेक्ट कर लेते हैं या तो कोई wifi कोई मेमोरी कार्ड जब दोस्तों किसी दूसरे डिवाइस का हम यूज करते हैं या को फाइल ट्रांसफर करते हैं तो उसे पहले सोनी सिर्फ करने की वह मैमोरी कार्ड या कोई दूसरा डिवाइस फोन सुरक्षित तभी उसे अपने मोबाइल डिवाइस में यूज़ करें
वायरस है क्या चीज़
यदि आपका फोन अचानक स्लो हो जाये अचानक बन्द हो जाये तो यदि किसी मालबिय की वजह से हो सकता है
आप ने कोई अप्प इन्टॉल की हो पर जाइए और यदि ज्यादा काम नहीं आती है इसे अनइंस्टॉल कर दीजिए
फोन को स्कैन करने के बाद आप इन एंटीवायरस को भी हटा सकते हैं क्योंकि एंटीवायरस हमेशा डिवाइस को स्लो कर देता हैं।
वायरस को हटाने के उपाय
: Factory रिसेट कर के
अंततः आपको अपना मोबाइल फैक्ट्री रिसेट करना होगा। इसके लिए आपको अपने मोबाइल सेटिंग्स में जाना होगा। उसके बाद निचे दिए स्टेप्स को फॉलो करें।
Settings → Backup & reset → Factory data reset → Reset phone
Factory रिसेट कर ने में तो हमेशा फोन का पूरा डाटा मिटों जाता है अगर हम यह चाहते हैं कि हमारे फोन का पूरा जताना मिटे वो हमारे फोन से माय वायरस भी हट जाए तो हम एक दूसरा तरीका अपना सकते हैं
यदि आप एंटीवायरस नहीं डालना चाहते हैं और आपके फोन में से वायरस को या मालवीय को हटाना चाहते हैं तो आपके पास एक दूसरा रास्ता भी है जिस रास्ते से आप बिना एंटीवायरस डाउनलोड किए अपने फोन में से वायरस को हटा सकते है
ऐसा करने के लिए सबसे पहले आपको फोन का जो पावर ऑफ का बटन है उसे दबाना है और दबा के तक दबाये रखना है जब तक की रिबू टू सेफे मोड का विकल्प ना आ जाए और जब फ्री बूट तू सेफ मोड आ जाए तो आपको इस पर हो ओके कर देना है फिर आपके पास एक मैनेजर खुलेगा जिस्म से अवांछित तो इनस्टॉल कर देना है सर दोस्तों आपने फोन से बिना एंटीवायरस की वायरस को हटा सकते हो
या
मोबाइल स्विच ऑफ करे।पावर बटन दबायेफ़ोन स्टार्ट होते वक्त जब “लोगो आपको स्क्रीन पे दिखेगा उसी वक्त आपको “Volume Down” बटन को दबाकर रखना है। जबतक की फ़ोन ऑन ना हो जाये।फ़ोन चालू होने के बाद आप देखेंगे की फ़ोन के निचे लेफ्ट साइड में “Safe Mode” लिखा हुआ दिखेगा मतलब की सेफ मोड ऑन हो गया है।Safe Mode से बहार निकलने के लिए फ़ोन को रिस्टार्ट करे।सेफ मोड ऑन होने के बाद आप सेटिंग्स में जायें। और वंहा पर डौन्लोडेड ऐप्स को सेलेक्ट करें।
यहाँ पर आप सारे ऐप्स को चेक कर सकते हैं। अगर आप को कोई भी ऐप ऐसा लगे जिसे आपने इनस्टॉल नहीं किया है तो उसे डिलीट या फ़ोर्स स्टॉप कर दें।
एंटी वायरस से स्कैन करके इन को हटाना
एप्प हटाने के बावजूद भी आप को फोन की परफॉरमेंस अच्छी नहीं लगती है तो आप किसी एंटीवायरस scan की मदद से डिवाइस को केन कर सकते हैं और अपने फोन या डिवाइस को अच्छी तरह से ला सकते हैं
आपको मैं फ्री एंटीवायरस की लिंक बता देता हूं यहां से आप फ्री एंटीवायरस ढूंढ सकते हैं
http://goo.gl/DqnTWy
http://goo.gl/osYbXH
http://goo.gl/JGoEzk
इन के अलावा ये भी देखे

Find my phone : इस ऐप की सहायता से आप दूर से ही अपने मोबाइल को ट्रैक करके उसका अलार्म बजा सकते हैं। अपने मोबाइल में स्थित पर्सनल डाटा को आप दूर से ही डिलीट भी कर सकते है और उसे लॉक भी कर सकते है।Personal data, privacy protection : यह आपको अपनी गोपनीयता बनाये रखने में बहुत लाभदायक है। यह आपके कॉन्टेक्ट्स, फ़ोन कॉल्स, और टेक्स्ट मैसेज को संदेस्पद आँखों से छुपाकर रखने में आपकी सहयता करता है
।Unwanted calls and SMS Blocking : यह आपको ब्लैकलिस्ट के रूप में एक ऐसा साधन प्रदान करता है जिसकी सहयता से आप अनचाहे कॉल्स, मैसेज और स्पैम को ब्लॉक कर सकते है।Blocking dangerous sites and links during Web surfing : यह आपके ऑनलाइन सर्फिंग को सुरक्षित बनाता है। यह संदेहस्पद लिंक्स को ब्लॉक कर देता है।
AVG AntiVirus : यह भी काफी लोकप्रिय एंटीवायरस है। यह भी फ्री में उपलब्ध है। इसे आप अपने ऐप स्टोर से डाउनलोड कर के इनस्टॉल कर सकते है। इसके फीचर्स कुछ इस तरह है।Protection : इसकी सहायता से आप अपने ऐप, गेम्स, फाइल्स और वेबसाइट को स्कैन कर सकते है। इसमें आपको wifi स्कैनर भी दिया गया है
।Performance : यह आपके फ़ोन के परफॉरमेंस को बेहतर बनाने का काम करता है। जैसे आपके फ़ोन के स्टोरेज को ऑप्टिमाइज़ करता है। आपके डाटा यूसेज को ट्रैक करता है। और आपके बैटरी पावर को सेव करने में भी आपकी सहायता करता है।
Anti-Theft : यह गूगल मैप को युस करके आपके खोये हुए फ़ोन का पता लगाने में सक्षम है। इससे आप अपने फ़ोन पे रेमॉटली रिंग भी बजा सकते हो। अपने फ़ोन के इंटरनल और एक्सटर्नल स्टोरेज को क्लियर भी कर सकता है। इसके प्रीमियम संस्करण में आपको और भी बेहतर ऑप्शन मिलेंगे।
Privacy : इसकी सहायता से हम अपने फोटोज को पासवर्ड देकर प्रोटेक्ट कर सकते है। अपने कॉन्टेक्ट्स, मैसेजेस को भी ब्लॉक कर सकते है। यह हमारे फ़ोन की गोपनीयता को बरक़रार रखता है
।360 Security : इस ऐप को भी आप प्ले स्टोर से आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। इसके कुछ मुख्य सुविधाएं इस प्रकार है।
Junk File Cleaner : यह आप के एंड्रॉइड सिस्टम के अनुपयोगी फाइल्स और Caches फाइल्स को डिलीट कर देता है। जिसके कारन आपके मोबाइल की स्पीड बरक़रार रहती है
।Intruder Selfie : अगर कोई आपके फ़ोन की गोपनीय जानकारी जानने के कोसिस करते हुए आप के फ़ोन के साथ छेड़-छाड़ करे तो यह उसी वक्त उसका Selfie ले लेगा वो भी डेट एंड टाइम के साथ।Fingerprint Lock : इस ऐप में आपको फिंगरप्रिंट सेंसर लॉक मिलेगा जिससे आप आसानी से बिना किसी पासवर्ड के युस कर पाओगे।
Clean Master : यह ऐप भी आपको प्ले स्टोर से फ्री में मिल जायेगा। यह एंटीवायरस आपके मोबाइल में मौजूद हर तरह के जंक फाइल को क्लीन कर देगा फिर चाहे वो फोटो जंक, वीडियो जंक, सिस्टम जंक, cache जंक या फिर कुछ और
।Mobile Security & Antivirus : इस ऐप में भी आपको वो सारे सुबिधाये मिल जाएँगी जो की ऊपर की ऐप्स में उपलब्ध है परन्तु फर्क सिर्फ इतना है की यह ऐप आपको फ्री में नहीं मिलेगा।
Avast Software द्वारा provide किया जा रहा ये बेहतरीन antivirus भी आपके phone के लिए perfact हो सकता है। Avast computer को protect तो कर ही रहा है, अब ये आपके mobile phone के लिए free में उपलब्ध है। इसमें antivirus, call blocker, web shield, wi-fi security जैसे power protection मिलता है।
ऐसे और भी कई सारे ऐप्स है जिनकी सहायता से आप वायरस स्कैन कर के उन्हें डिलीट कर सकते है। और अपने फ़ोन को सुरक्षित रख सकते है।
अपने कंप्यूटर को वायरस से सुरक्षित रखने के लिए ये करे
कई बार कंप्यूटर में वायरस आ जाने की वजह से काफी परेशानी होती है ऐसे भी जरुरी है कि कंप्यूटर में वायरस को घुसने से रोका जाए इसीलिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है
कि अगर कुछ समय के लिए कंप्यूटर हैंग हो जाता है तो परेशानी खड़ी हो जाती है इसी लिए PC को वायरस और इस पर भी ऐसे फ्री रखना चाहिए इसके लिए आपको तरह-तरह की चौकसी पत्नी होगी और कुछ खास तरीकों को भी काम में लेना होगा तभी ले पाएंगे आप का कंप्यूटर को चैन की सांस
एंटीवायरस का करें इस्तेमाल
आजकल बाजार में कई एंटीवायरस सॉफ्टवेयर है जिनमें यह महत्वपूर्ण मैकेफी, क्विक हिल , नोर्टन, एवीजी,अवास्ट,ट्रेड माइक्रो इनमे प्रमुख हैं।
ज्यादातर वेबसाइट से फ्री वर्जन भी डाउनलोड कर सकते हैं यह कंप्यूटर और इंटरनेट के बीच के कनेक्शन पर नजर रखता है अगर कोई गलत एक्टिविटीज आती है तो यह यह काम करता है जो अलार्म एक अच्छा फॉरएवर है यह इंटरनेट से वायरस और स्फीयर डाउनलोड होने से बचाता है और आपकी जरूरी इंफॉर्मेशन को इंटरनेट पर जाने से रोकता है एंटीवायरस का इस्तेमाल तो सभी करते हैं पर सुरक्षा के लिए फायरवाल बहुत जरूरी है
बाहरी ड्राइव से सावधान
PC में किसी प्रकार का बहारी ड्राइवर का इस्तेमाल करने से पहले एंटीवायरस से इसे स्क्रीन करना चाहिए ज्यादातर वायरस इन ही की वजह से फैलता है पेन ड्राइव को साइबर कैफे में इस्तेमाल करते समय सावधान रहे वहां अपने पेन ड्राइव में वायरस आ सकता है हम अपने पेन ड्राइव को चाहे जहां यूज कर लेते हैं और कॉपी पेस्ट करते हैं तो इस में वायरस आने का खतरा बहुत ज्यादा होता है
ईमेल व डाउनलोड्स
अगर आपके इनबॉक्स में अनजाने मेल एड्रेस से कोई मेल आता है तो आप उसे अटैचमेंट को न खोलें ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक ना करें अगर कोई लिंक खोलना ही है तो उस पर राइट क्लिक करें कॉपी करें शॉर्टकट करें और उसपर नोटपैड पर पेस्ट करें इससे आपको असली लिंग के बारे में पता चल जाएगा इसी तरह इंटरनेट से किसी भी सॉफ्टवेयर को डाउनलोडिंग करने से पहले एंटीवायरस स्कैन कर ले अब ईमेल के माध्यम से कई तरह के वायरस और मालवेयर आपके पर्सनल कंप्यूटर पर आ सकते हैं
स्कैनिंग और यूजर राइट्स
आपको अपने पर्सनल कंप्यूटर को ऑन करते ही F8 दबाना चाहिए
कैसे आप को सेफ मोड का ऑप्शन नजर आएगा इसे सिलेक्ट करके इंटर करें सेवर मोड में खुलने के बाद आप एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करेंगे तो वायरस जल्दी पकड़ में आ सकता है इसके बाद आप अपने पर्सनल कंप्यूटर को रिस्टार्ट कर के सामान्य मोड में चलाएं इंटरनेट ब्राउजिंग करते समय एक टैक्स कंट्रोल को सक्रिय करने से बचना चाहिए साथ ही आपके डिफॉल्ट यूजर्स को एडमिनिस्ट्रेटिव की बजाय यूजर्स के तौर पर ही काम करने की इजाजत देना चाहिए आपको कंप्यूटर पर काम करते समय वायरस से पूरी तरह सावधान रहना चाहिए आपको पता होना चाहिए किस वेबसाइट पर आपको शॉपिंग करनी चाहिए ज्यादा लिंक वाली वेबसाइट से बचें