कोरोना से जुड़ी खबरें जिस तरह से सुर्खियां बनती जा रही है लोगों में तनाव बढ़ना स्वभाविक है
कोरोना का तनाव नहीं लेना
लेकिन किसी भी तरह के रोग तनाव से दूरी स्वास्थ्य के लिए जरूरी होती है
कोरोना का तनाव नहीं लेना है इस वक्त पूरी दुनिया को नववर्ष की चिंता और तनाव में है इससे लोगों में अवसाद बढ़ रहा है लंबे समय कहां है तनाव शरीर को रोग प्रतिरोधक समता को कमजोर करता है दरअसल तनाव और कोई आंतरिक मामला नहीं यह तो बाहरी खबरिया हालात के प्रति आंतरिक प्रतिक्रिया जिसे आप चाहे तो नियंत्रण कर सकते हैं हम घर के भीतर रहकर अपनी सेहत का ध्यान रख सकते हैं यानी अपने बस में है जो कर रहे हैं अगर इससे आगे कुछ होता है तो इसके बारे में सोचना छोड़ दो ऐसे बहुत से काम है जो अपन कर सकते हैं और इस टाइम को बता सकते हैं
कोरोना के लॉकडाउन में नर्वस ब्रेकडाउन से
तनाव है या नहीं ऐसे पहचाने
कन्हैया नहीं ऐसे पहचाना तनाव का स्तर स्थिति के अनुसार घटता बढ़ता रहता है तनाव को 0 से 10 के बीच का स्तर रखते हैं यदि आप संक्रमण की आशंका का ब्याह वर्तमान की स्थिति से ज्यादा लगे हुए हो तो उस वक्त के बारे में सोच कर चिंता करते रहते हैं तो आपके तनाव का स्तर रेंज वन में हो जाता है इस इस स्थिति में आपके अंदर नकारात्मक सोच बनती है जिससे तनाव बढ़ता है इससे पहले कि आपका तनाव रेड जोन में आ जाए इससे कि नहीं लक्षणों से पहचाना जा सकता है अगर आपको अचानक सिर दर्द महसूस होने लगता है यह कारण दांत पीसना या फिर बैठे बैठे पैर को ऊपर नीचे उस हाल है तो समझ लीजिए यह उचित स्तर का तनाव है इसके अलावा मजबूर महसूस करना दुखी रहना अधिक गुस्सा चिड़चिड़ापन जल्दी नाराज हो जाना चुपचाप कोने में बैठकर आदि तनाव के लक्षण यह लक्षण आपको देखते हैं जैसे कि कोई बार-बार आपसे छोटी छोटी बातों पर चढ़ता रहता है या किसी भी चीज उसको स्वाद नहीं आना तो यह तनाव का ही कारण है इससे क्या होता है कि दिमाग चिड़चिड़ा हो जाता है और छोटी-छोटी बातों में चढ़ जाता है जिससे झगड़े होते रहते हैं
तो जब तनाव बढ़ जाए तो ऐसा क्या करना चाहिए कि जिससे अपन तनाव को कम कर सके क्योंकि दुनिया में सबसे बड़ी बीमारी ही तनाव संभवत पर ध्यान दें कोरोना की संदिग्ध पॉजिटिव के समर्थकों के आंकड़े हर घंटे बदलते रहते हैं इन्हें देखिए पर केवल सूचना के लिए आप घर पर अगर घर पर ही रहोगे सारे नियमों का पालन करोगे तो आओ वायरस से बचे रहोगे आंकड़ों को देखकर किसी आशंका में न पड़े अपने कायदे माने तो आप सुरक्षित रहोगे और सकारात्मक सोच रखें इससे यह होगा कि आप रूप से बचे रहोगे क्योंकि जो यह पूर्णा फैल रहा है वह कई लोगों की गलतियों के कारण खेल रहा है कई केस है जिनको गलती से फैला है जब आप गर्मी रहे हो तो फिर कैसे चलेगा तो इस बात को जरूर ध्यान रखें कि आप पूरे नियमों का पालन कर रहे हो तो कोरोना से बहुत दूर हो
कोरोना वायरस की न्यूज सुनने से हो रहा है तनाव, तो पढ़ें मनोवैज्ञानिक की सलाह
ऐसा एक असहाय बना ले
कोरोना का तनाव नहीं लेना
हम कुछ कर नहीं सकते बंधे हुए हैं घर के अंदर है मौजूदा हालात में ऐसा महसूस होना सामान्य है लेकिन यह भाव से छुटकारा पा सकते हैं हम जानते हैं कि को राणा जी से वायरस को फैलने से रोकने में हमारी अहम भूमिका है अब कुछ लोगों की मदद करके इस भूमिका को खास बना सकते हैं अगर आपके क्षेत्र में किसी अन्य वितरित हो रहा है या कोई नेकी की काम हो रहा है तो आप वह कर सकते हो आप भी उस से जुड़कर सकारात्मक पहल कर सकते सुरक्षित फैसले से सुरक्षित रहेंगे मदद की जा सकती है और अपने आप को संतुष्टि भी जा सकती है इसका मतलब यह नहीं कि आप सारे नियमों को तोड़ते हुए अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखते हुए सहायता कर रहे हो तो वह भी बहुत ज्यादा गलत है किसी की सहायता कर रहे हो तो बहुत अच्छी बात है लेकिन पूरी सावधानी से जिससे आप जिस की सहायता कर रहे हो उससे भी ने फेल है ना आपको पहले तो इससे आपके मन में एक सकारात्मक सोच पैदा हो जाएगी और इससे थोड़ा बहुत तनाव कम किया जा सकता है
कोरोना वायरस का तनाव दिमाग में चल रहा है तो सबसे बड़ा एक काम कर लीजिए उससे आपको कोरोना वायरस का डर खत्म हो जाएगा नकारात्मक को अनफॉलो कर दीजिए लाख कोशिश करें पर मोबाइल पर हाथ चलते चलने लगता है नई पोस्ट पर ध्यान जाता है तो इससे परेशानी की बात नहीं है लेकिन आप मन की सेहत आप का विकल्प नहीं हो सकती इसलिए वरीयता दीजिए या नहीं अहमियत दीजिए उन तमाम लोगों को अनफॉलो कर दीजिए जो केवल नकारात्मक वीडियो भेजते हैं उन संदेशों के लिए डिलीट की सुविधा है जो आपको तलाव देते हैं इस समय सोशल मीडिया पर कई तरीके उपाय फैलाई जा रही है इनसे दूर रहने की कोशिश कीजिए जो मीडिया पर रेड विषय करके खोल कर काफी बढ़ते चले जा रहे हैं इसी क्रम में आई खबरों को पढ़ लेते हैं जिससे गुस्सा आने से घबराहट होती है तो ऐसी चीजों से दूर रही है इस टाइम पर आप मनोरंजन की चीजें देखिए और जो आपका मन करे वह देखिए इन खबरों से दूर रहिए कोई ऐसे पोस्ट भेजता भी है तो उसको डिलीट कर दीजिए इससे आप भी खुश रहोगे चिंतित नहीं रहोगे तनाव नहीं रहेगा और वह चैनवा ही खत्म हो जाएगी तो वह पोस्ट आगे नहीं बढ़ेगी इससे कोई और भी इससे तनाव तनाव नहीं बढ़ेगा ऐसे लोगों से बहुत दूर हो जाए जो आपको हो प्लेस या नकारात्मक भाव पैदा करने पर मजबूर करते हैं ऐसी बातें करते हैं जिससे आप का भाव नकारात्मक हो जाता है तो ऐसे व्यक्तियों से दूर रहेंतर्क से काम ले भाऊ होकर नहीं सामान की कमी हो रही है कल को हटाने मिला सब जीने मिली पलने खा पाएंगे इस तरह की निर्धार सूचनाओं की कमी नहीं है तर्क से काम में ले सरकार ने कहा है कि जरूरी चीजों की कमी नहीं होगी और हो भी नहीं रही है फिर भी कोरी भावनाओं में क्यों पड़े हो जरा सोचिए गर्मी का मौसम आने वाला है कोई ऐसा हो जो स्वेटर टोपा लगाए घूम रहा हो और कहे कि उसे लगा कि ऐसा ना हो कि सर दिया जाए इसीलिए स्वेटर पहन कर घूम रहा हूं तो अटपटा लगेगा ना इसीलिए कह रहा हूं कि जो भी जरूरत का सामान है वह खत्म नहीं होगा और होगा तो सरकार उसे उपलब्ध कराए जा रही है और संसार में बहुत से भामाशाह है जो अपने तन मन धन से सेवा करने में लगे हैं सरकार ने भी कई ऐसे टोल फ्री नंबर लगाए हैं जिनसे आप कॉल करके अपने घर पर आवश्यक सामग्री मंगवा सकते हो भारत देश एक ऐसा देश है जो विकासशील है इसमें अनंत प्रयास किए जा रहे हैं कि सभी लोगों के पास खाने की व्यवस्था की जाए इस समय में तो आपको यह बिल्कुल भी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है तनाव लेने की जरूरत नहीं है कि कल को अपना कुछ गलत हो जाएगा आप तो आराम से सरकार के नियमों का पालन कीजिए और घर पर रहिए स्वस्थ रहिए तनावमुक्त रहिए
दिमाग को ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रखने की कोशिश कीजिए मन अच्छा महसूस करें घर में बंद रहने की वजह से नाराजगी पन्ने पर इसलिए आप कुछ ऐसा कर सकते हैं जिसका आपका मन बेल सकता है कुछ छोटे-मोटे सुझाव दो दिमाग को व्यस्त ही नहीं चुस्त-दुरुस्त तेज तर्रार भी बनाएंगे
सबसे पहले तो आप एक नियम बना लीजिए कि सुबह उठकर अपने को योगा जरूर करना है योग करने का इससे बढ़िया ऑप्शन आपको आने वाली लाइफ में कभी नहीं मिल सकता क्योंकि आपके पास अभी समय है तो आप सबसे पहला काम तो योगा से स्टार्ट कीजिए योगा करने से आपका मानसिक शारीरिक सब कुछ अच्छा हो जाएगा
और भी कई ऐसे काम है जिनसे आप अपना टाइम पास कर सकते हो दिमाग को व्यस्त रख सकते हो दिमाग की प्रैक्टिस चालू रख सकते हो जैसे कि आप उल्टे हाथ से लिखने की कोशिश कर सकते हो इससे आपकी होगी सुधरेगी
कोरोना का तनाव नहीं लेना
एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा रही है तैयार चाहे वह पड़ोसी हो चाहे वह रिश्तेदार हो चाहे वह घर का सदस्य हो पता है दुनिया में बहुत से लोग हैं जो अपनी पूरी जीवन को दुनिया के लिए समर्पित कर देते हैं अब समर्पित करने के तरीके बहुत सारे हैं कई लोग डॉक्टर बन के दूसरों की सहायता करते हैं कई लोग साधु बन के लोगों की सहायता करते हैं उनको सही राह पर चलाते हैं तो मैं कहता हूं की सहायता करने के लिए अपने आपको ज्यादा बड़ा बनने की जरूरत नहीं है अपन किसी जरूरतमंद की जरूरत पूरी करने में समर्थ है तो उसकी जरूरत को पूरी करनी चाहिए इससे एक सकारात्मक भाव पैदा होगा और आपके मन में एक आत्मविश्वास जागृत होग
और यदि कोई फायदा कि रास्ते पर निकला हुआ है तो आप उस का शुक्रिया अदा करना ना भूले जैसे डॉक्टर लिस्ट मीडिया सब्जी वाला दूध वाला राशन वाला किराने वाला जो भी आपको सहायता पहुंचा रहा है उस आदमी का आप 6 धन्यवाद दिल से धन्यवाद कीजिए क्योंकि वह मानवता के नाते आपकी सहायता कर रहा है
आशावादी बने यदि आपको कोई खबर अफवाह नकारात्मक की ओर धकेल रही है तो तत्काल दूरी बना ले अफवाह पर ध्यान नहीं दे क्योंकि आप वहां दुख के अलावा कुछ नहीं दे सकती आशावादी बनना चाहिए क्योंकि यह जोश को रोना संक्रमण अभी जो खेल रहा है संक्रमण हर एक सदी में फैलता है कुछ लोगों की जान भी जाती है बट कुछ समय बाद में सब कुछ नॉर्मल हो जाता है यह इसलिए होता है कि अपन प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करते हैं प्रकृति को नुकसान पहुंचाते हैं तो उसका नुकसान हमारे को भुगतना पड़ता है इसलिए ज्यादा तनाव लेने की जरूरत नहीं है यह एक संक्रमण है आप अपने संयम में रहोगे तो इससे बच सकते हो और स्वस्थ रहो
कोरोना का तनाव नहीं लेना
कोरोना वायरस की न्यूज सुनने से हो रहा है तनाव, तो पढ़ें मनोवैज्ञानिक की सलाह
. इसलिए नागरिकों के घर पर बंद रहने की यह स्थिति अगले दो या तीन हफ्तों तक बरकरार रह सकती है. इस वक्त का इस्तेमाल करने के लिए मनोविश्लेषक किसी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट, कोई नई भाषा या फिर कैलिग्राफी या बीटबॉक्सिंग जैसा कोई कौशल सीखने की भी सलाह देते हैं. इससे व्यस्त रहने के साथ-साथ कुछ करने की संतुष्टि भी बनी रहती है. इसमें यूट्यूब और ऑनलाइन ट्यूटोरियल खासे मददगार साबित हो सकते हैं. इन सबके अलावा पेंटिंग, राइटिंग, कुकिंग या सिलाई-बुनाई जैसे तमाम शौक पूरे करने का भी यह बहुत अच्छा वक्त है.
इसके अलावा किताबें, इंटरनेट पर मौजूद ज्ञान का खजाना, एमेजॉन प्राइम और नेटफ्लिक्स जैसे मंचों पर मौजूद शानदार कंटेट भी वक्त बिताने का बेहतरीन जरिया हो सकते हैं. इस मामले में सलाह यह दी जाती है कि फिल्में देखने या किताबें पढ़ने जैसे काम अगर लगातार कई दिनों तक किए जाएं तो वे भी तनाव बढ़ाने लगते हैं. इसलिए इन्हें करना अच्छा है लेकिन थोड़ा ब्रेक ले-लेकर. वैसे, यह बात सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह लागू होती है लेकिन फिर भी कुछ इस तरह के मज़ेदार वीडियोज तो देखे ही जा सकते हैं.
किसी भी तरह के तनाव से बचे रहने के लिए सबसे पहले सोशल डिस्टेंसिंग और अपनी हाइजीन का भी खास ध्यान रखना चाहिए। शांत रहने के लिए अफवाहों पर नहीं, बल्कि सही जगह से आ रही खबरों पर भरोसा करें। लॉकडाउन में रहकर सोशल डिस्टेंसिग और हाइजीन के नियमों का पालन कर अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभानी है। कई मनोवैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना वायरस पर बहुत अधिक खबरों को सुनकर लोगों के मन में डर और तनाव घऱ कर रहा है, वहीं इससे उन्हें बैचेनी भी होने लगती है। अगर आप तनाव लेंगे तो आप इस समय सही फैसला नहीं ले पाएंगे क्यों कि तनाव में व्यक्ति अपनी निर्णय करने की क्षमता को लेकर उलझा रहता है। यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी की मनोवैज्ञानिक डॉक्टर रीमा सहगल ने कई ऐसे टिप्स दिए हैं जिन्हें अपनाकर हम काफी हद तक कोरोना वायरस की महामारी के इस समय में होने वाले तनाव और घबराहट से निजात पा सकते हैं।
कोरोना का तनाव नहीं लेना
कोरोना वायरस से पैदा हुई इस आपात स्थिति में कुछ लोग मानसिक या शारीरिक परेशानियों के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी उठा रहे हों. ऐसे में केवल यह याद रखे जाने की जरूरत है कि जान है तो जहान है. हो सकता है, कुछ लोगों को यह समाधान स्थितियों का अति-सरलीकरण लगे लेकिन फिलहाल कोई और विकल्प मौजूद नहीं है. अगर आर्थिक नुकसान नहीं है और केवल डर या बेचैनी है तो यह मान लेने में कोई बुराई नहीं कि आपको डर लग रहा है. मनोविज्ञान कहता है कि ऐसा करते ही दिमाग डर की बजाय डर के कारण और उससे निपटने के तरीकों पर केंद्रित हो जाता है. एक बार तनाव के कारणों को पहचान लेने के बाद इससे बाहर आने के लिए, प्रोग्रेसिव मसल्स रिलेक्सेशन और ध्यान जैसे तरीके ऑनलाइन सीखे जा सकते हैं.. इसलिए नागरिकों के घर पर बंद रहने की यह स्थिति अगले दो या तीन हफ्तों तक बरकरार रह सकती है. इस वक्त का इस्तेमाल करने के लिए मनोविश्लेषक किसी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट, कोई नई भाषा या फिर कैलिग्राफी या बीटबॉक्सिंग जैसा कोई कौशल सीखने की भी सलाह देते हैं. इससे व्यस्त रहने के साथ-साथ कुछ करने की संतुष्टि भी बनी रहती है. इसमें यूट्यूब और ऑनलाइन ट्यूटोरियल खासे मददगार साबित हो सकते हैं. इन सबके अलावा पेंटिंग, राइटिंग, कुकिंग या सिलाई-बुनाई जैसे तमाम शौक पूरे करने का भी यह बहुत अच्छा वक्त है.
इसके अलावा किताबें, इंटरनेट पर मौजूद ज्ञान का खजाना, एमेजॉन प्राइम और नेटफ्लिक्स जैसे मंचों पर मौजूद शानदार कंटेट भी वक्त बिताने का बेहतरीन जरिया हो सकते हैं. इस मामले में सलाह यह दी जाती है कि फिल्में देखने या किताबें पढ़ने जैसे काम अगर लगातार कई दिनों तक किए जाएं तो वे भी तनाव बढ़ाने लगते हैं. इसलिए इन्हें करना अच्छा है लेकिन थोड़ा ब्रेक ले-लेकर. वैसे, यह बात सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह लागू होती है लेकिन फिर भी कुछ इस तरह के मज़ेदार वीडियोज तो देखे ही जा सकते हैं.
. इसलिए नागरिकों के घर पर बंद रहने की यह स्थिति अगले दो या तीन हफ्तों तक बरकरार रह सकती है. इस वक्त का इस्तेमाल करने के लिए मनोविश्लेषक किसी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट, कोई नई भाषा या फिर कैलिग्राफी या बीटबॉक्सिंग जैसा कोई कौशल सीखने की भी सलाह देते हैं. इससे व्यस्त रहने के साथ-साथ कुछ करने की संतुष्टि भी बनी रहती है. इसमें यूट्यूब और ऑनलाइन ट्यूटोरियल खासे मददगार साबित हो सकते हैं. इन सबके अलावा पेंटिंग, राइटिंग, कुकिंग या सिलाई-बुनाई जैसे तमाम शौक पूरे करने का भी यह बहुत अच्छा वक्त है.
इसके अलावा किताबें, इंटरनेट पर मौजूद ज्ञान का खजाना, एमेजॉन प्राइम और नेटफ्लिक्स जैसे मंचों पर मौजूद शानदार कंटेट भी वक्त बिताने का बेहतरीन जरिया हो सकते हैं. इस मामले में सलाह यह दी जाती है कि फिल्में देखने या किताबें पढ़ने जैसे काम अगर लगातार कई दिनों तक किए जाएं तो वे भी तनाव बढ़ाने लगते हैं. इसलिए इन्हें करना अच्छा है लेकिन थोड़ा ब्रेक ले-लेकर. वैसे, यह बात सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह लागू होती है लेकिन फिर भी कुछ इस तरह के मज़ेदार वीडियोज तो देखे ही जा सकते हैं.
कोरोना के लॉकडाउन में नर्वस ब्रेकडाउन से
कोरोना का तनाव नहीं लेना
आपको पता है कोरोनावायरस स्लोडाउन के कारण कुछ अच्छे प्रभाव भी देखने को मिले हैं
सारा दिन पहले लोग भागदौड़ भरी लाइफ में भागते रहते थे सारा सारा दिन टीवी देखना जब चाहे जो खाए अलसाई में पड़े रहना जितना चाहे उतना मोबाइल पर बातें करना पढ़ाई का बस हल्का फुल्का जी करो ना कोई दबाव नहीं ऐसी जिंदगी की कल्पना बच्चे भी नहीं कर सकते जो बड़े कर रहे हैं पहले किसी से पूछा तो तो जिंदगी में क्या चल रहा है तो उनका जवाब होता था जिंदगी का मौका दे तो वह करेंगे जो हमेशा सोचा करते थे यानी कुछ भी नहीं मतलब पहले जो भी काम करते थे लोग जो भागदौड़ भरी लाइफ में भागते रहते थे उनका एक ही मौका था एक ही सोचती कि मेरे को आराम मिल जाए मैं कुछ दिन अपने फैमिली के साथ बिता सकूं तो यह लोग डाउन में सबसे अच्छी बात देखने को मिली है कि बंदा अपने फैमिली के साथ टाइम बिता सकता है मान लीजिए मौका मिल गया लेकिन अफसोस सबकी मर्जी एक साथ पूरी हुई कुछ करने को मैं हूं तो कैसा लगता है इसका एहसास सब को एक साथ हो रहा है जिंदगी थम गई कुछ राहे मिलेगी ऐसे ख्याल शायरी में करने वाले आज सोच रहे हैं कि जिंदगी फिर चल पड़े तो अच्छा है सब की सेहत पर छाया वायरस का खतरा हट जाए मिलना जुलना ओए कोई डर की दीवार नहीं है कई खबरें इस हकीकत को बयां कर रही है कि पृथ्वी इंसानों के बिना ठीक है प्रकृति रही है प्रदूषण कम हो रहा है नदियों की कल कल सुनाई दे रही है पत्तों की सरसराहट सुनाई दे रही यह सब चीजें बच्चों को भी देखने को मिल रही है हमारा यह गुरूर था कि हम प्राणियों में सर्वेस्ट है चूर-चूर हो गया आज यह गर्ल जो सबसे अच्छे होते हैं वह दुनिया से बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं सबके लिए सोचते हैं हम ज्ञानी ध्यानी विज्ञानी अपनी दुनिया में मगर थे कल्पना की थी की पृथ्वी पर क्या है हम तो केवल अपने विकास के बारे में अपने कल्याण के बारे में सोचते रहते थे हम भूल गए थे कि प्रकृति भी है जैसे वातावरण प्रकृति जिसके साथ हम जरूरत की चीजें उपयोग में लेते थे बट हमने इसको कल्याण में शामिल नहीं किया पृथ्वी के फेफड़े को नुकसान पहुंचा कर आज हम अपने फेफड़े बचाने की कोशिश में लगे हैं जब यह दौर गुजरेगा तो सोचना जरूर होगा कि कैसे इस बात को साबित किया जाए इस ग्रह में सबसे कल्याणकारी काम करने की सोच सकती दी हुई है यानी हम इंसानों ने कहीं अपनी शक्ति का दुरुपयोग तो नहीं किया