जूस के नुकसान
दोस्तों आजकल बाजार में जूस का चलन जोरों-शोरों से है शोर में कई लोग गलत जूस बनाकर या विटामिन पोषक तत्व निकाल कर जूस बनाते हैं तो वह सेहत के लिए हानिकारक होता है आज इसी के बारे में मैं आपको बताने जा रहा हूंजूस के दुष्परिणाम
क्या आप जानते है। कि जूस आप की सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकता है। वेसे जूस का चलन कुछ सालों में बड़ा है। और स्वस्थ जीवन के लिये हर कोई वकालत करता आया है। हरे जमुनी ओर लाल जूस का प्रचार इस तरह किया जाता है। कि इनका स्वाद अच्छा नही है पर ये सेहत के लिए अच्छे हैं। पर यह जानना जरूरी है कि जूस हमेशा आपकी सेहत के लिए जरूरी नही है। अच्छे ही हो।
जूस के नुकसान व दुष्परिणाम
सुस्त पाचन क्रिया होना
जब आप अच्छे फलो ओर सब्जियां को जूस में तब्दील कर देता है। तो सुपर जूसर भी ये ही काम करता हैं ,जो आप के पाचन पणाली करती है । अगर यह एक आदत बन जाती है तो आपका पेट और पाचन प्रणाली पहले से कटे हुए भोजन या तरल रूप में पदाथो को प्राप्त करने का आदि हो जाता है । इससे आप की प्रणाली सुस्त हो जाती है ऐसे जब आप आप साधारण ठोस आहार कहते हैं तो हार्मोनल स्राव काम प्रभावी रहता है।
जूस के दुष्परिणाम
फायबर निकल जाना
ज्यादातर फल सब्जी और अनाजों गायत्री फाइबर पाया जाता है यह पोषक आहार महत्वपूर्ण हिस्सा है यह आपके शरीर को बीमार होने से रोकता है यह लंबे समय तक ऊर्जावान रखता है जब आप फल और सब्जियों को तरल याजूज के रूप में ग्रहण करते हैं तो इनके फाइबर बाहर निकल जाता है जितना हो सब फाइबर के जूस पीने से फायदा नहीं होता है जूस के शरीर पर दुष्परिणाम
जूस से प्रेरित शुगर साइकल
हालांकि फल और सब्जियों में प्राप्त होनेवाली शुगर अन्य वैकल्पिक स्त्रोतों से प्राप्त होने वाली शुगर से अच्छी है लेकिन जब आप जूस पीते हैं तो यह आपके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा देती है यह शरीर में एक दुष्परिणाम पैदा करती है जो आपकी भूख और मूड पर नकारात्मक असर डालता है यह शरीर में डायबिटीज ऐसी बीमारियां पैदा कर देता है
जल्दी भूख लगने लगती हैं
हमारा शरीर ठोस आहार के मुकाबले तरल भोजन को ज्यादा प्रोसेस कर सकता है उदाहरण के तौर पर जब हम एक सेब खाते हैं तो इसे बचाने में ही पूरी सीरीज काम करती है मुह की मदद से टुकड़ों में बांटा जाता है पेट में एंजाइम की मदद से बचाया जाता है जो उसके कारण इस प्रक्रिया को बाईपास कर दिया जाता है इससे आपके अगले वजन का अवधी घट जाती है और दोबारा भूख लग जाती है
खुद पर काबू रखने की कोशिश बेकार
जूस आपके लिए मजेदार हो सकता है नए जमाने में जो सर तुरंत स्वादिष्ट जूस देते हैं मौसमी के एक गिलास जूस के लिए आप 4 मध्यम आकार की मौसम की जरुरत पड़ती है लेकिन जूस उसके ठोस आहार में अंतर होता है चार मौसमी हूं मैं कहीं ज्यादा घुलनशील फाइबर मिलेगा लेकिन सूट शुगर और कैलोरी की मात्रा जूस के बराबर ही मिलेगी हम में से ज्यादातर लोग मौसमी के जूस का एक बड़ा ग्लास आसानी से पी ले लेंगे पर आसानी से 78 मौसमी नहीं खा पाएंगे और अग्लीबर बार जब आप किसी फल या सब्जी का एक गिलास जूस बनाते हो उसे ठोस खाने की कोशिश करें आपको पता लग जाएगा उसके रूप में कितनी कैलोरी ली जा रही है जूस पीने का सही तरीका
यह सही तरीका जूस पीने का यह सही है
कि जूस के मुकाबले सीधे फल या सब्जियों का सेवन करना ज्यादा अच्छा होता है लेकिन आपको जूस पीना पसंद है तो आप कुछ बातों का ख्याल रखिए फलों के जूस के मुकाबले सब्जियों की ज्यादा अच्छे विकल्प है आप सब्जियों के जूस का सेवन कर सकते हैं आमतौर पर आप भोजन में बहुत ज्यादा सब्जियों का समावेश नहीं करते हैं तो आप भी उस के रूप में सब्जियां ग्रहण कर सकते हैं गाजर और चकुंदर के जूस में काफी कैलोरी होती है आप उसका ही इस तरह के कॉन्बिनेशन इस्तेमाल कर सकते हैं आप जिसमें कुछ तत्वों का समावेश कर सकते हैं आप जिस में सूरजमुखी के बीज कद्दू के बीज अलसी के बीज मिला सकते हैं इससे आप जूस के पोषक तत्व बनाया जा सकता है जिसकी मदद से इन तत्वों को ग्रहण किया जा सके किया जा सकने में आसानी होगी। आजकल बाजार में न्यू टेबलेट जैसी मशीनें बाजार में मौजूद है इसकी मदद से बिना गुदा और फाइबर निकाले जोश प्राप्त किया जा सकता है इन मशीनों की मदद से जवाब जूस तैयार करते हैं तो ज्यादा अच्छा होता है इसमें पोषक तत्व उपस्थित होता है जो जितना ताजा हो उतना ही फायदेमंद होता है अगर आप 8:00 बजे जूस तैयार करते हैं और 11:00 बजे से पीते हैं तो इसमें विटामिन का नुकसान ज्यादा होता है आप फल और सब्जियों की सेल्स को काट देते हैं और हवा और सूरज की रोशनी में रख देते हैं तो इसमें विटामिन और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं
और आजकल बाजारों में गन्ने की जूस की दुकान में जगह जगह लग गई है वह जूस तो बनाते हैं लेकिन उनकी मशीनों का ऑयल और गिरीश जूस के साथ मिक्स होकर आ जाता है और इसी प्रकार कई दुकानों पर फलों और सब्जियों की जगह पाउडर का इस्तेमाल करते हैं इस पाउडर के द्वारा जुलूस बनाया जाता है यह पाउडर सिंथेटिक होता है इसके द्वारा बचत भी ज्यादा आती है और आसानी से जूस बन जाता है इसीलिए सभी लोग जो दुकान लगाते हैं वह सिंथेटिक पाउडर से जूस बनाना चाहते हैं और बनाते भी हैं इससे हमारे शरीर पर दुष्परिणाम होते हैं क्योंकि इससे हमारे शरीर में पाचन तंत्र में गड़बड़ BP का बनना कैलेस्ट्रोल का बढ़ना आदि कई प्रॉब्लम हो सकती है इसीलिए जूस को दुष्परिणाम ई बताया है