कोरोना से बचने के लिए कौना-सा काढ़ा किसको पीना है, जानिए
कोरोना से बचने के लिए देशी काढ़ा का उपयोग करें
कोरोना महामारी की दूसरी लहर से बचने के लिए घर में कैसे तैयार करें अपना इम्यूनिटी बूस्टर
काढ़ा भारत की प्राचीनतम पद्धति में शामिल रहा है। ये न सिर्फ इम्यूनिटी बूस्टर है बल्कि इसके कई दूसरे फायदे भी हैं। आयुष मंत्रालय ने लोगों को कोरोना महामारी से बचने और इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए इसके सेवन की सिफारिश भी की है।
कोरोना को हराने के लिए लोग दवाओं के साथ ही देसी नुस्खों से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहे हैं। इसके लिए लोग विभिन्न प्रकार के देसी नुस्खे घर पर तैयार करने के अलावा पंसारी की दुकान से बने-
बनाए भी खरीद रहे हैं। लोग कोरोना को हराने के लिए घरेलू तरीके से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करना ही कारगर उपाय मान रहे हैं।
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) लोगों को बचाव करने का लगातार संदेश दे रहा है। लोग कोरोना से बचने के लिए सावधानी बरतना तो प्रथम उपाय मान ही रहे हैं, लेकिन लोगों के बीच आयुर्वेद से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना भी चर्चा का विषय बना रहता है, जिसे वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर समेत विभिन्न सोशल मीडिया और सार्वजनिक स्थानों पर देखा और सुना जा सकता है। इससे जुड़े सुझाव लोग अपने अनुभव और जानकरी के अनुसार शेयर कर रहे हैं।
गले में खराश है या सर्दी-जुकाम परेशान कर रहा है तो डॉक्टर के पास जाने से पहले तुलसी और काली मिर्च के काढ़े का सेवन करें। जरूरी नहीं है कि आपको सर्दी-जुकाम या गले में खराश है तो आप कोरोना से पीड़ित हैं। ये सब सीजनल परेशानियां हैं, जो मौसम के बदलाव से भी कई बार पैदा हो जाती हैं। इस परेशानी के लिए आप काली मिर्च औ तुलसी से इसका इलाज कर सकते हैं। काली मिर्च औषधीय गुणों से भरपूर है, इसमें रोगाणुरोधी गुण मौजूद होते है जो सर्दी खांसी का उपचार करते हैं।
तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते है जो सभी प्रकार के इंफेक्टश से शरीर की हिफाजत करती है। तुलसी नाक, श्वास नली और फेफड़ों में जमा कफ को बाहर निकालती है। इससे सर्दी जुकाम का बेहतर उपचार होता है।
काली मिर्च और तुलसी का काढ़ा ना सिर्फ आपकी इम्यूनिटी बढ़ाएगा बल्कि सर्दी जुकाम से राहत भी दिलाएगा।इस काढ़े को आप अपने घर में असानी से बना सकते हैं। आइए जानते हैं कि आप इस काढ़े को घर में कैसे बना सकते है।
इन दिनों हर घर में कोरोना से बचाव के नुस्खे अपनाए जा रहे हैं। कोई तुलसी, अदरख, गुड़, सोंठ, काली मिर्च आदि का चाय के रूप में सेवन कर रहा है तो कोई कपूर, लौंग, इलाइची और जावित्री को पीसकर अपने साथ रखने और समय-समय पर उसे सूंघते की सलाह दे रहा है।
राजनगर एक्सटेंशन की एक सोसाइटी में रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत मजबूत है क्योंकि वह घर पर ही काढ़ा तैयार करके पीते हैं। इस काढ़े का उपयोग कम से कम एक साल से अधिक उम्र के बच्चे से लेकर किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है।
इस तरह काढ़ा तैयार कर रहे
काढ़े का उपयोग करने वाले ज्यादातर लोगों ने बताया कि चार लोगों के लिए काढ़ा बनाने के लिए करीब एक लीटर पानी में एक टुकड़ा दालचीनी (दालचीनी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही सर्दी-खांसी होने से भी बचाता है), चार लौंग, दो हरी इलायची, एक तेज पत्ता, छह से सात दाने काली मिर्च (कूट कर), दो टेबल स्पून गुड़, काला नमक, अदरक, कच्ची हल्दी, 10 तुलसी पत्ता डालकर काढ़ा तैयार कर उसका उपयोग दिन में दो से तीन बार कर रहे हैं। जो इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काफी उपयोगी है
हर 15 मिनट में कम से कम गुनगुना पानी पीते रहें।
नमक के गुनगुने पानी से गरारे करें, इससे वायरस फेंफड़ों तक नहीं पहुंचेगा।
रोजाना तुलसी, लौंग, अदरक और हल्दी का गर्म दूध पीएं।
कपूर, लौंग, इलायची और जावित्री को पीसकर अपने साथ रखें और समय-समय पर सूंघते रहें।
विटामिन-सी युक्त फलों जैसे संतरे, मौसमी और आंवला खाएं। नींबू का इस्तेमाल भी जरूरी करें।
प्रतिदिन प्राणायाम और सूर्य नमस्कार करें। इससे श्वसन तंत्र और फेंफड़े मजबूत होंगे।
दिन में एक या दो बार हर्बल चाय, तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और किशमिश का काढ़ा पीएं
एक्सपर्ट की सलाह, गुनगुना पानी पिएं और खाने में अदरक, कालीमिर्च, तुलसी, इलायची, शहद शामिल करें
आयुष मंत्रालय की 4 सलाह
कुछ सामान्य उपायों बताते हुए मंत्रालय ने दिनभर गर्म पानी पीने, हर दिन कम से कम 30 मिनट योग अभ्यास, प्राणायाम करने और ध्यान लगाने की सलाह दी है। एडवाइजरी के मुताबिक, भोजन पकाने के दौरान हल्दी, जीरा और धनिया जैसे मसालों का इस्तेमाल करें।
शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत करने के लिए सुबह 10 ग्राम यानी एक चम्मच च्यवनप्राश खाएं। मधुमेह रोगी बिना शक्कर वाला च्यवनप्राश ले सकते हैं। सुबह और शाम दोनों नथुने में तिल या नारियल का तेल या घी लगाने जैसे आयुर्वेदिक उपाय भी सुझाए हैं।
एडवाइजरी में ने दिन में एक या दो बार हर्बल चाय पीने या तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और किशमिश का काढ़ा पीने को कहा गया है। 150 मिलीलीटर गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर ले सकते हैं।
सूखी खांसी या गले में सूजन से आराम पाने के लिए दिन में एक बार पुदीने की ताजा पत्ती या अजवाइन के साथ भांप लें। खांसी या गले में खराश के लिए दिन में दो-तीन बार शहद के साथ लौंग का पाउडर ले सकते हैं। मंत्रालय के मुताबिक, इन उपायों से सामान्य सूखी खांसी या गले में सूजन कम होती है। अगर लक्षण फिर भी बने रहते हैं तो डॉक्टरी सलाह लेना बेहतर है।
संक्रमण की स्थिति बने ही न इसके लिए च्यवनप्राश खाएं
आयुर्वेद और नेचुरोपैथ विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता के मुताबिक, इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए रोजाना गाय के दूध के साथ च्यवनप्राश खाने की सलाह दी जाती है। या आंवला, एलोवेरा या फिर वीटग्रास का जूस पीना फायदेमंद साबित होता है। आयुर्वेद के मुताबिक, च्यवनप्राश का जिक्र च्यवन संहिता में है जिसको च्यवन ऋषि ने रचा था। यह सेहत को सुरक्षाकवच देता है। यह वात-पित्त-कफ के दोष को दूर करता है। च्यवनप्राश तैयार करने में कई तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल होता है जो रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के साथ, याद्दाश्त तेज करने और तनाव को दूर करने का भी काम करती हैं।
इम्युनिटी बढ़ाकर बचाव करना आसान है
आयुर्वेद में कोरोना नामक किसी बीमारी का उल्लेख नहीं है। लेकिन संक्रमण और लक्षणों की समानता के आधार पर इस चिकित्सा पद्धति में इसकी तुलना वात-श्लैष्मिक ज्वर से की जा सकती है। आयुर्वेद में किसी भी रोग के उपचार से ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर उसके बचाव पर जोर दिया गया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सीआर यादव बता रहे हैं वायरस से बचाव के तरीके...
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के 5 आसान उपाय
तुलसी के 20 पत्ते अच्छी तरह से साफ करके उन्हें एक गिलास पानी में उबालकर छान लें। अब इस पानी में एक चम्मच पीसा हुआ अदरक और एक चौथाई दालचीनी चूर्ण डालकर पानी आधा रहने तक उबालें। गुनगुना करके उसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर चाय की तरह दिन में दो-तीन बार लें। जब भी लेना हो, इसे ताजा ही बनाएं।
तुलसी के 20 पत्ते, अदरक का एक छोटा टुकड़ा और 5 कालीमिर्च को चाय में डालकर उबालें और उस चाय का सेवन करें। इसका सेवन सुबह और शाम के समय किया जा सकता है। दो चाय के बीच 10 से 12 घंटे का गैप दें।
रोजाना नहाने के बाद नाक में सरसों या तिल के तेल की एक-एक बूंद डालें। अगर आप किसी सार्वजनिक स्थान पर जा रहे हैं तो घर से निकलने के पहले भी ऐसा ही करें।
कपूर, इलायची और जावित्री का मिश्रण बना लें और इसे रुमाल में रखकर समय-समय पर सूंघते रहें।
लौंग और बहेड़े को देसी घी में भूनकर रख लें। इन्हें समय-समय पर मुंह में रखकर चूसते रहें।
काढ़े के फायदे-
इस काढ़े के इस्तेमाल से आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, साथ ही आपका पाचन भी दुरुस्त रहेगा। इस काढ़े का दिन में दो बार सेवन करने से आपकी इम्यूनिटी बढ़ सकती है और यह आपको हानिकारक बीमारियों से भी बचा सकता है। सर्दी या फ्लू होने पर यह काढ़ा आपके गले को आराम देने में सहायता कर सकता है। कोरोना से लड़ना है तो आपको अपनी इम्यून पावर मजबूत करनी होगी। कमजोर इम्यून पावर के लोग इस बीमारी के आगे हार जाते हैं।
क्या करें, क्या न करें?
हमेशा गुनगुने पानी और ताजे भोजन का ही सेवन करें।
भोजन में मूंग, मसूर, मोठ आदि हल्की दालों का प्रयोग करें।
मौसमी और ताजा फल व सब्जियों का उपयोग करें।
भोजन में अदरक, कालीमिर्च, तुलसी, इलायची, शहद आदि का नियमित उपयोग करें।
ठंड से बचाव करें, मौसम के अनुसार आवश्यक कपड़े पहनें ।
आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक्स, ठंडे पानी व ठंडे जूस का सेवन न करें।
अधिक चिकनाई या तले हुए भोजन का उपयोग भी कम से कम करें। कच्चे व अधपके मांसाहार से बचना चाहिए
तुलसी और काली मिर्च से बना यह काढ़ा, कोरोना काल में वरदान से नहीं है
तेजी से बढ़ रहा है कोरोना का ग्राफ, इन 5 आयुर्वेदिक काढ़ों का सेवन कर इम्यूनिटी करें बूस्ट
इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट, एक्सरसाइज, योग के साथ-साथ इन आयुर्वेदिक काढ़ों को शामिल करें
कोरोना वायरस महामारी के मामले ऐएक बार फिर तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। डॉक्टर्स के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर पिछली से काफी अलग है। महाराष्ट्र के बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में तेजी से केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि आप खुद की इम्यूनिटी बूस्ट रखें। जिससे आपको कोई भी संक्रामक बीमारी छू न पाएं।
इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट, एक्सरसाइज, योग के साथ-साथ इन आयुर्वेदिक काढ़ों को शामिल करें। कई लोगों के मन में सवाल उठा रहा होगा कि गर्मियों के मौसम में क्या काढ़ा पीना कारगर होगा? आपको बता दें कि गर्मियों के मौसम में भी काढ़ा पिया जा सकता है। लेकिन इसे गर्म नहीं बल्कि ठंडा करके पिएं। इसके साथ ही काढ़ा में काली मिर्च, लौंग का इस्तेमाल न करे। अगर कर रहे हैं तो बहुत ही कम मात्रा में करे।
1- अश्वगंधा, मुलेठी से बना काढ़ा
1 चम्मच मुलेठी
8-10 तुलसी की पत्तियां
2-4 ग्राम दालचीनी
1 इंच ताजा अदरक
1 इंच ताजी कच्ची हल्दी
गिलोय की थोड़ी डंडी और 2-4 पत्तियां
थोड़ा अश्वगंधा
एक लीटर पानी
ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक काढ़ा
इमामदस्ता में अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, दालचीनी, मुलेठी, अदरक, हल्दी डालकर अच्छी तरह से कूट लें। इसके बाद एक लीटर पानी में इन सभी चीजों को डालकर धीमी आंच में अच्छी तरह से उबाल लें। जब पानी 100 या 200 ग्राम बचें तो इसे छान लें। छानने के बाद धीरे-धीरे इसका सेवन करें।
2- अर्जुन की छाल और नीम से बना काढ़ा
थोड़ी गिलोय की डंठल
5-6 तुलसी
थोड़ी सी मात्रा में अदरक
कच्ची हल्दी का छोटा सा टुकड़ा
10-12 नीम की पत्तियां
थोड़ी अर्जुन क छाल
1 इंच दालचीनी
थोड़ी सी मुलेठी
ऐसे बनाएं काढ़ा
इन सभी चीजों को इमामदस्ता में डालकर अच्छी तरह से कूट लें। इसके बाद 400 एमएल पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी 100 एमएल बच जाए तो गैस बंद कर दें। इसके बाद इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद इसका सेवन करे।
मुनक्का, अंजीर से बना काढ़ा
8-10 मुनक्का
3-5 अंजीर
एक चुटकी खूबकला
ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक काढ़ा
सबसे पहले इमामदस्ता या ग्राइंडर में मुनक्का, अंजीर और खूबकला डालकर अच्छी तरह से पीस कर पेस्ट बना लें। अब एक पैन में 400 एमएल पानी रखें और इसमें यह पेस्ट डाल दें। धीमी आंच में पकने दें। जब पानी 100 एमएल बचे तो गैस बंद करके इसे छान लें और इसका सेवन करें।
गिलोय, मुनक्का से बना काढ़ा
हल्दी की एक गांठ
एक टुकड़ा अदरक का
काली मिर्च और लौंग 4 से 5
दालचीनी एक टुकड़ा
गिलोय का पत्ता
तुलसी के पत्ते 4-5
मुनक्का
नींबू का रस
शहद या गुड़
सबसे पहले इमामदस्ते में हल्दी की एक गांठ, एक टुकड़ा अदरक का, काली मिर्च और लौंग 4 से 5 और दालचीनी एक टुकड़ा डाल दें। अब इसे कूटें। दूसरी तरफ गैस पर करीब डेढ़ गिलास पानी को पैन में डालकर धीमी आंच पर चढ़ा दें। पानी जैसे ही गर्म हो जाए तो उसमें ये कुटी हुई चीजें डाल दें।
अब इस पानी में गिलोय के दो पत्तों को पानी से धोएं और तोड़ कर इसी पानी में डालें। इसके बाद 4-5 तुलसी की पत्तियां, आधा चम्मच सौंफ, 10-12 मुनक्के डालकर अच्छे से खौलाएं। जब डेढ़ गिलास पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर गिलास में कर लें। जब से हल्का गुनगुना हो तो इसमें नींबू का रस डालकर पी लें।