सफर में क्यों आती है उल्टी? जानिए वजह और रामबाण इलाज, दोबारा न होंगे परेशान
यें हो सकती है वजह
मोशन सिकनेस
मोशन सिकनेस उस प्रक्रिया को कहते हैं जब शरीरिक क्रियाओं और मस्तिष्क का तालमेल न हो। हमारे शरीर की सभी इंद्रियां दिमाग से कनेक्ट होती हैं। इन इंद्रियों की हरकत पर ही मस्तिष्क प्रतिक्रिया देता है। मगर जब हम बस या कार में सफर करते हैं तब हमारी आंख, नाक और कान तीनों एक साथ काम करते हैं। ऐसे में कई बार मस्तिष्क और इंद्रियों के बीच तालमेल नहीं बन पाता है। जिसका विपरीत प्रभाव हमारे शरीर में दिखने लगता है।
गर्दन की नस का दबना
जब हम सफर करते हैं तो अक्सर बस, कार या अन्य साधन की सीटें आरामदायक नही होती। हमारी गर्दन काफी समय तक एक ही स्थिति में रहती है। जिससे गर्दन की नस दब जाती है। गर्दन की नस सीधे मस्तिष्क से जुड़ी होती है इसलिए नस दबने से मस्तिष्क असहज हो जाता है और ये बेचैनी और घबराहट जैसे संकेत देने लगता है।
आॅक्सीजन की कमी
गाड़ी में आमतौर पर शीशे बंद रहते हैं जिससे अंदर पूरी आॅक्सीजन नही आ पाती है। इसके चलते भी कई लोगों को उल्टियां आने लगती है। इसके अलावा कई लोग पूरी सांस नही लेते। जब वे खुली जगह में होते हैं तब उन्हें ऐसी कोई दिक्कत नही होती है। मगर जैसे ही वे किसी बंद स्थान पर होते हैं तो उन्हें उलझन होने लगती है।
पेट में रसायन का बनना
जब हम सफर करते हैं तो घुटने मुड़े होते है और जब गाड़ी में बार—बार ब्रेक लगते हैं तो इससे पेट पर दवाब बनता है। इसके चलते पेट में एसिड बनने लगता है। ज्यादा देर तक ऐसे ही सफर करने से खट्टी डकारे, पेट में दर्द और जी मिचलाने लगता है।
कार या बस में होती है उल्टियां तो अपनाएं ये उपाय, तुरंत मिलेगी राहत
दिमाग तक आॅक्सीजन न पहुंचने एवं ज्यादा खाना खाने से होती है दिक कई लोगों को अक्सर सफर के दौरान जी मिचलाने और उल्टी जैसी दिक्कत होती है। उन्हें सांस लेने, घब राहट और बेचैनी भी महसूस होती है। इसकी वजह मस्तिष्क तक आॅक्सीजन का न पहुंचना एवं अन्य कारण हो सकते हैं। आज हम आपको इस समस्या से बचने के कुछ आसान उपाय बताएंगे।
यें हो सकती है वजह
मोशन सिकनेस
मोशन सिकनेस उस प्रक्रिया को कहते हैं जब शरीरिक क्रियाओं और मस्तिष्क का तालमेल न हो। हमारे शरीर की सभी इंद्रियां दिमाग से कनेक्ट होती हैं। इन इंद्रियों की हरकत पर ही मस्तिष्क प्रतिक्रिया देता है। मगर जब हम बस या कार में सफर करते हैं तब हमारी आंख, नाक और कान तीनों एक साथ काम करते हैं। ऐसे में कई बार मस्तिष्क और इंद्रियों के बीच तालमेल नहीं बन पाता है। जिसका विपरीत प्रभाव हमारे शरीर में दिखने लगता है।
गर्दन की नस का दबना
जब हम सफर करते हैं तो अक्सर बस, कार या अन्य साधन की सीटें आरामदायक नही होती। हमारी गर्दन काफी समय तक एक ही स्थिति में रहती है। जिससे गर्दन की नस दब जाती है। गर्दन की नस सीधे मस्तिष्क से जुड़ी होती है इसलिए नस दबने से मस्तिष्क असहज हो जाता है और ये बेचैनी और घबराहट जैसे संकेत देने लगता है।
आॅक्सीजन की कमी
गाड़ी में आमतौर पर शीशे बंद रहते हैं जिससे अंदर पूरी आॅक्सीजन नही आ पाती है। इसके चलते भी कई लोगों को उल्टियां आने लगती है। इसके अलावा कई लोग पूरी सांस नही लेते। जब वे खुली जगह में होते हैं तब उन्हें ऐसी कोई दिक्कत नही होती है। मगर जैसे ही वे किसी बंद स्थान पर होते हैं तो उन्हें उलझन होने लगती है।
पेट में रसायन का बनना
जब हम सफर करते हैं तो घुटने मुड़े होते है और जब गाड़ी में बार—बार ब्रेक लगते हैं तो इससे पेट पर दवाब बनता है। इसके चलते पेट में एसिड बनने लगता है। ज्यादा देर तक ऐसे ही सफर करने से खट्टी डकारे, पेट में दर्द और जी मिचलाने लगता है।
उपाय
1. बस में पेट्रोल व डीजल की महक से होने वाली उलझन को दूर करने का सबसे आसान तरीका है नींबू। सफर में जाते समय अपने साथ एक नींबू का पीस जरूर रखें। उसे नियमित अंतराल पर चाटते रहें। नींबू में मौजूद साइिट्क एसिड बुरे जीवाणुओं को पनपने नहीं देते।
2. जी मिचलाने की समस्या को दूर करने के लिए अदरक का टुकड़ा चूसे। ये क्रिया बस में बैठने के दस मिनट पहले करें। सफर के दौरान दिक्कत लगने पर इसे दोबारा खाया जा सकता है। अदरक में ऐसे गुण होते हैं जो पेट की समस्या को दूर करते हैं।
. यात्रा के समय या इससे पहले ज्यादा तेल मसाले वाला खाना न खाएं। न ही पेट भरकर भोजन करें। ऐसा करने से खाना ठीक से पचेगा नही और सफर में परेशानी होगी। इससे जी भी मिचला सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए हल्का भोजन लें। खाने में सलाद एवं हरी सब्जियां शामिल करें।
4. यात्रा करने से दो—तीन घंटे पहले से गहरी—गहरी सांसे लें। इससे शरीर में आॅक्सीजन का स्तर बढेगा। सफर की प्लानिंग पहले से हो तो एक सप्ताह पहले से ही प्राणायाम शुरू कर दें। इससे घबराहट और बेचैनी नही होगी।
5. यात्रा में परेशानी ज्यादा लगने पर एक गिलास मुसम्बी के जूस में आधा चम्मच नींबू का रस एवं काला नमक मिलाकर व्यक्ति को दें। इससे जल्द ही आराम मिलता है।
जब भी
आप किसी सफर पर निकलें तो अपने साथ एक पका हुआ नींबू जरूर रख लें. जब भी आपका मन मतली सा लगे तो तुरंत इस नींबू को छीलकर सूंघे. इससे आपका मन फ्रेश होगा साथ ही ऐसा करने से उल्टी भी नहीं आएगी.
उपाय - 2
लौंग को भूनकर पीस लें और किसी डिब्बी में भरकर रख लें. जब भी सफर पर जा रहे हैं तो इसे साथ ले जाएं. उल्टी जैसा मन हो तो इसे सिर्फ एक चुटकी मात्रा में चीनी या काले नमक के साथ लें और चूसते रहें.
उपाय- 3
तुलसी के पत्ते चबाने से उल्टी नहीं आएगी. इसके अलावा एक बॉटल में नींबू और पुदीने का रस काला नमक डालकर रखें और सफर के दौरान इसे थोड़ा-थोड़ा पीते रहें.
उपाय- 4
नींबू को काटकर, इस पर काली मिर्च और काला नमक छिड़क कर चाटें. इससे आपका मन ठीक रहेगा और उल्टी नहीं आएगी.
उपाय- 5
अगर आप बस में सफर कर रहे हैं तो वहां बैठने से पहले एक पेपर बिछा लें फिर बैठें. इससे आपको उल्टी नहीं आएगी.