PAN Card: आपका पैन कार्ड असली है या नकली? चुटकियों में ऐसे करें पता
AN Card Verification Online: पिछले कुछ सालों में भारत समेत पूरी दुनिया में डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया तेज हो गई है। ऐसे में इससे जुड़े फ्रॉड भी काफी बढ़ गए हैं। फर्जी आधार कार्ड (Aadhaar Card) और पैन कार्ड (PAN Card) के कई मामले सामने आ रहे हैं। पैन कार्ड सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है। इसके इस्तेमाल से आप कोई भी बड़ा काम आसानी से पूरा कर सकते हैं। इसकी जरूरत हर जगह होती है- जैसे बैंक, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज आदि।
असली और नकली पैन की पहचान के लिए लाभदायक हो सकता है QR कोड
हालांकि, आजकल फर्जी पैन कार्ड की बढ़ती संख्या के कारण आयकर विभाग (Income Tax Department) ने इस मुद्दे पर नकेल कसने के लिए कई कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। विभाग ने पैन कार्ड में क्यूआर कोड (QR code) जोड़ना शुरू कर दिया है। क्यूआर कोड असली और नकली पैन कार्ड की पहचान करने में मदद कर सकता है। पैन कार्ड असली है या नकली, यह पता लगाने के लिए आप अपने स्मार्टफोन में क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं। इसके लिए आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक ऐप की मदद लेनी होगी।
यह पता लगाने के लिए कि आपके पास जो पैन कार्ड है वह असली है या नकली, आपको सबसे पहले आयकर विभाग के ई-फिलिंग पोर्टल पर जाना होगा।
कैसे पता लगाएं पैन कार्ड असली है या नकली? (How to identify pan card is real or fake)
- सबसे पहले आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.incometax.gov.in/iec/foportal पर जाएं।
- इसके बाद 'verify your PAN' ऑप्शन पर क्लिक करें।
- इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुलेगा।
- यहां आपसे आपकी पैन की जानकारी मांगी जाएगी जिसे आपको भरना है।
- यहां आपको पैन कार्ड नंबर, नाम, जन्मतिथि और मोबाइल नंबर डालना होगा।
- फिर आपको एक संदेश मिलेगा कि आपका डेटा मेल खाता है या नहीं।
- इसके बाद आपको आसानी से पता चल जाएगा कि आपका पैन कार्ड असली है या नकली।
आप भी पता कर सकते हैं PAN Card असली है या नकली? ऐसे करेंगे जांच तो नहीं खाएंगे धोखा
इनकम टैक्स विभाग (Income tax department) की तरफ से 10 अंकों की एक पहचान संख्या जारी की जाती है. इसे परमानेंट अकाउंट नंबर कहते हैं.
किसी भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए पैन कार्ड (PAN
Card) होना सबसे जरूरी है. पैन कार्ड के दस अंको के जरिए आप बैंक अकाउंट खुलवाने, प्रॉपर्टी की खरीदने या बेचने, गाड़ी खरीदने या बेचने, आईटीआर फाइल करने, 2 लाख रुपए से ज्यादा की ज्वैलरी खरीद जैसे कई कामों को आसानी से कर सकते हैं, लेकिन आजकल फर्जी पैन कार्ड के कई मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में आप भी कोई भी ट्रांजेक्शन करने से पहले जान लें कि आपका भी पैन कार्ड कहीं फर्जी तो नहीं है. आइए हम आपको बताते हैं कि आप कैसे सही पैन कार्ड की पहचान कर सकते हैं.
IT
डिपार्टमेंट जारी करता है पैन
इनकम टैक्स विभाग (Income tax department) की तरफ से 10 अंकों की एक पहचान संख्या जारी की जाती है. इसे परमानेंट अकाउंट नंबर कहते हैं. पैन कार्ड हमारी पहचान का एक जरूरी डॉक्यूमेंट है. खासकर वित्तीय मामलों में इसका बड़ा रोल है.
ऐसे कर सकते हैं अपने PAN की पहचान-
·
आपको सबसे पहले इनकम टैक्स विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाना होगा.
·
यहां पर आपको सीधी तरफ ऊपर की ओर ‘वेरीफाई योर पैन डिटेल्स’ के लिंक पर क्लिक करना होगा.
·
इसके बाद में यूजर्स को पैन कार्ड की डिटेल भरनी होगीं.
·
इसमें आपको पैन नंबर, पैन कार्ड होल्डर का पूरा नाम, उसकी जन्मतिथि आदि की जानकारी दी जाएगी.
·
सही जानकारी भरने के बाद पोर्टल पर मैसेज आएगा कि भरी गई जानकारी आपके पैन कार्ड से मैच करती हैं या नहीं.
·
इस तरह आप आसानी से पैन कार्ड की सत्यता का पता लगा सकते हैं.
बढ़ रहे हैं फर्जी मामले
देशभर में हुए लॉकडाउन के बाद फर्जी पैन कार्ड के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. ऐसे में अपने पैन कार्ड की सत्यता की जानकारी होना सबसे जरूरी है. देश में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जारी किए गए पैन कार्ड की जांच करना भी जरूरी है.
अक्षरों में छुपा होता है सरनेम
पैन कार्ड पर कार्डधारक का नाम और डेट ऑफ बर्थ तो लिखी ही होती है, लेकिन पैन कार्ड के नंबर में आपका सरनेम भी छुपा होता है. पैन कार्ड का पांचवां डिजिट आपके सरनेम को दर्शाता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कार्डधारक के सरनेम को ही अपने डाटा में दर्ज रखता है. इसलिए अकाउंट नंबर में भी उसकी जानकारी होती है. हालांकि, इस बात की जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट कार्डधारक को नहीं देता.
से लेकर क्रेडिट कार्ड तक होती है निगरानी
पैन कार्ड नंबर एक 10 डिजिट का खास नंबर होता है, जो लेमिनेटेड कार्ड के रूप में आता है. इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन लोगों को इश्यू करता है, जो पैन कार्ड के लिए अर्जी देते हैं. पैन कार्ड बन जाने के बाद उस व्यक्ति के सारे फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन डिपार्टमेंट के पैन कार्ड से लिंक्ड हो जाते हैं. इनमें टैक्स पेमेंट, क्रेडिट कार्ड से होने वाले फाइनेंशियल लेन-देन सभी कुछ डिपार्टमेंट की निगरानी में रहते हैं.
डिपार्टमेंट तय करता है नंबर
इस नंबर के पहले तीन डिजिट अंग्रेजी के लेटर्स होते हैं. यह AAA से लेकर ZZZ तक कोई भी लेटर हो सकता है. ताजा चल रही सीरीज के हिसाब से यह तय किया जाता है. यह नंबर डिपार्टमेंट अपने हिसाब से तय करता है.
पैन कार्ड नंबर का चौथा डिजिट भी अंग्रेजी का ही एक लेटर होता है. यह पैन कार्डधारी का स्टेटस बताता है. इसमें-
यह हो सकता है चौथा डिजिट...
P- एकल व्यक्ति
F- फर्म
C- कंपनी
A- AOP (एसोसिएशन ऑफ पर्सन)
T- ट्रस्ट
H- HUF (हिन्दू अनडिवाइडिड फैमिली)
B- BOI (बॉडी ऑफ इंडिविजुअल)
L- लोकल
J- आर्टिफिशियल जुडिशियल पर्सन
G- गवर्नमेंट के लिए होता है
सरनेम के पहले अक्षर से बना पांचवां डिजिट
पैन कार्ड नंबर का पांचवां डिजिट भी ऐसा ही एक अंग्रेजी का लेटर होता है. यह डिजिट पैन कार्डधारक के सरनेम का पहला अक्षर होता है. यह सिर्फ धारक पर निर्भर करता है. गौरतलब है कि इसमें सिर्फ धारक का लास्ट नेम ही देखा जाता है.
इसके बाद पैन कार्ड में 4 नंबर होते हैं. ये नंबर 0001 से लेकर 9999 तक कुछ भी हो सकते हैं. आपके पैन कार्ड के ये नंबर उस सीरीज को दर्शाते हैं, जो मौजूदा समय में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में चल रही होती है. इसका आखिरी डिजिट एक अल्फाबेट चेक डिजिट होता है, जो कोई भी लेटर हो सकता है.
कहां-कहां है पैन कार्ड जरूरी
पैन कार्ड की मदद से आपको विभिन्न वित्तीय लेन-देन में आसानी होती है. इसकी मदद से आप बैंक खाता और डीमैट खाता खोल सकते हैं. इसके अलावा प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के लिए भी यह जरूरी होता है. दरअसल, पैन कार्ड टैक्सेबल सैलरी के साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए भी जरूरी है. चूंकि पैन कार्ड पर नाम और फोटोग्राफ होते हैं, ऐसे में यह आइडेंटिटी प्रूफ के तौर पर भी काम करता है. भले ही आपका पता बदलता रहे, लेकिन पैन नंबर नहीं बदलता. ऊंची दर पर टैक्स डिडक्शन से बचने के लिए पैन कार्ड जरूरी होता है. दरअसल, जब आप 50 हजार रुपए से ज्यादा की राशि से एफडी शुरू करते हैं तो पैन कार्ड की फोटोकॉपी देनी होती है. पैन के अभाव में ऊंची दर पर आपका टीडीएस काट लिया जाएगा.
इन परिस्थितियों में भी है पैन कार्ड जरूरी
=> दो पहिया के अलावा किसी दूसरे वाहन की खरीद-बिक्री
=> किसी होटल या रेस्तरां में एक बार में 25 हजार रुपए से ज्यादा का बिल
=> शेयरों की खरीददारी के लिए किसी कंपनी को 50 हजार रुपए या इससे ज्यादा का भुगतान
=> बुलियन या ज्वैलरी की खरीदारी के लिए पांच लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान
=> पांच लाख रुपए या इससे ज्यादा कीमत की अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री
=> बैंक में 50 हजार रुपए से ज्यादा जमा करने के दौरान
=> विदेश यात्रा के संबंध में 25 हजार रुपए से ज्यादा का भुगतान
=> बॉन्ड खरीदने के लिए RBI को 50 हजार रुपए या इससे ज्यादा का भुगतान
=> बॉन्ड या डिबेंचर खरीदने के लिए किसी कंपनी या संस्था को 50 हजार रुपए से ज्यादा का भुगतान
पैन कार्ड की
सत्यता की करें पहचान
1.पैन कार्ड की सत्यता जांचने के लिए इनकम टैक्स विभाग की ई-फाइलिंग (Pan Card e-filing) पोर्टल पर जाएं और लॉग इन करें.
2.यहां ऊपर की ओर ‘वेरीफाई योर पैन डिटेल्स’ के लिंक पर क्लिक करना होगा.
3.अब यूजर को पैन कार्ड की डिटेल भरनी होगी. इसमें अपना पैन नंबर, पैन कार्ड होल्डर का पूरा नाम, जन्मतिथि आदि की जानकारी भरनी होगी.
4.इसके बाद सही जानकारी भरने के बाद पोर्टल पर मैसेज आएगा कि भरी गई जानकारी आपके पैन कार्ड से मैच करती हैं या नहीं. अगर जानकारी सही होंगी तो पैन कार्ड की सत्यता (Pan
Card Original) का पता लगा सकते हैं
This comment has been removed by the author.
ReplyDelete